अनंतमूल जडीबुटी के फायदे। Benefits of Indian Sarsaparilla Herb
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अनंतमूल की लत्ता |
नमस्कार दोस्तों हमारी साइट में आप सभी दोस्तों का बहुत-बहुत स्वागत है कई जड़ीबूटियां हमारे प्रदेश में अपने आप उग जाती है पर हमें उसके गुणधर्मों का पता नही होता और हम उसे फालतू की खरपतवार समझ बैठते है
आज ऐसी ही एक अनमोल जडीबुटी अनंतमूल की बात करेंगे जिसे हमने कई बार अनजाने में देखा होगा
अनंतमूल जड़ीबुटी की पहेचाने केसे करे
दोस्तों अनंत मूल की एक लता होती है जो
वृक्षों के आश्रित बहुत फैलती है यह पंजाब
उत्तरी भारत के जंगल क्षेत्रों में लाल मिट्टी युक्त कीचड़ वा पहाड़ी भूमि में तथा भारत के ज्यादातर इलाकों में पाई जाती है
यह लता ज्यादातर जमीन पर फैलती है यह बहुत लंबी बढ़ती है और इसकी किसी भी शाखा को तोड़ने पर दूध निकलता है और चिकनी होती है इसकी शाखाएं लंबी चिकनी अनेक और पतली तथा गोलाकार होती है
इसके पत्ते तीन से 4 इंच लंबे तथा जामुन के पत्तों के जैसे होते हैं इन पत्तों पर सफेद रंग की लकीरें
दिखाई देती है इस लता पर दो दो जोड़े में विपरीत दिशा में फली लगती है इन कच्ची फलियों को तोड़ने पर भी अंदर से दूध निकलता है
यह जब पूरी तरह पक जाती है और सूख जाए तब तोड़ने पर इसमें से रुई के समान रेसे निकलते हैं इसकी झड़े टेढ़ी मढ और लंबी होती है
अनंतमूल कितने नामो से जाना जाता है
अनंत मूल जिसे "सारिवा" भी कहा जाता है हिंदी में इसे सारिवा "अनंतमूल" "कपूरी" "खालसा" जैसे नामों से जाना जाता है और इसका अंग्रेजी नाम "Indian Sarsaparilla " है और इसका वैज्ञानिक नाम "Hemidesmus indicus" है
अनंतमूल का औषधीय उपयोग कैसे करे
दोस्तों इस अनंत मूल के पत्तों को पीसकर दांतों के नीचे दबाने से ही दंत रोग नष्ट हो जाते हैं जिन महिलाओं के छोटे बच्चे बीमार और कमजोर हो उन्हें इस अनंतमूल के मूल का सेवन अवश्य कराना चाहिए
दोस्तों इस अनंत मूल को बाइडिंग के साथ रोजाना देते रहने से मृत्यु के मुख में हुए बच्चे भी नया जीवन पा जाते हैं छोटे बच्चों के लिए तो यह अमृत के समान गुणकारी है
दोस्तों इस अनंत मूल सारिवा के चूर्ण को सुबह शाम रोजाना सेवन कराने से जिन स्त्रियों को गर्मी या और किसी वजह से गर्भपात हो जाता है या बालक का जन्म के समय ही मृत्यु हो जाता है
ऐसी स्थिति में उन स्त्रियों को अनंत मूल के शीतल कसाई का सेवन अवश्य ही करना चाहिए गर्भ ठहरने से लेकर बच्चे के जन्म तक इसका प्रयोग करने से गर्भपात होना बंद हो जाता है और
गर्भपात का भय ही नहीं रहता यह प्रयोग करने से अत्यंत निरोगी हष्ट पुष्ट और गौरवपूर्ण बालक पैदा होता है
दोस्तों इस बेल के मूल का चूर्ण एक से दो ग्राम की
मात्रा में ले और इसका फांट या क्वाथ बनाकर 15 से 30 मिली की मात्रा में सेवन कराए इससे महिलाओं में होने वाला स्वेत प्रदर यानी सफेद पानी की समस्या दूर होती है
दोस्तों जिन लोगों को पथरी की समस्या
हो ऐसे लोगों को 5 ग्राम अनंतमूल के चूर्ण को गाय के दूध के साथ मिलाकर रोजाना दिन में दो बार पीने से पथरे टूटकर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है
दोस्तों यह जड़ीबूटी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है इस अनंत मूल के जड़ को बासी पानी में पिसकर या इसके पत्तों को जलाकर इसकी राख बना ले और इस राख को शहद के साथ मिलाकर आंखों में आंजने से आँखों की सूजन नष्ट हो जाती है और नजर तेज होती है
दोस्तों इस अनंतमूल की झड़ को केले के पत्ते में लपेटकर भू बल में गर्म करें जब केले का पत्ता जल जाए तो झड़ को निकालकर भुने हुए जीरे और शक्कर के साथ मिलाकर पीसकर गाय का घी मिलाकर सुबह शाम रोजाना सेवन करें इस प्रयोग को करने से पेशाब और वीर्य संबंधी सारे विकारों का शमन होता है
अनंतमूल के मूल और अडूसा के
पत्तों को मिलाकर इसका चूर्ण बना ले और इन
दोनों को मिलाकर दो से 4 ग्राम की मात्रा
में दूध के साथ सुबह शाम रोजाना सेवन करने
से सभी प्रकार के स्वास रोग नष्ट होते हैं
और जिन लोगों के बाल जड़ रहे हो तो अनंतमूल के मूल का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में दिन
में दो से तीन बार पानी के साथ सेवन करें इससे बालों का जड़ना जल्दी ही बंद हो जाता है
दोस्तों अनंतमूल की झड़ का चूर्ण 3 ग्राम
15ग्राम शहद के साथ मिलाकर दिन में
तीन बार सेवन करें इस प्रयोग से संधिवात
मिटता है
जिन लोगों की पाचन क्रिया मंद हो गई हो ऐसे लोगों को 3 ग्राम सारिवा की चूर्ण को सुबह शाम गाय के दूध के साथ पिए इससे पाचन क्रिया मजबूत बनती है
अनंतमूल का ज्यादातर औषध कार्य में इसकी झड़ का ही प्रयोग किया जाता है अगर पेट में किसी भी प्रकार की खराबी हो तो इसकी झड़ का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में पानी में घोट कर पीने से पेट का दर्द दूर हो जाता है
तो दोस्तों फिर मिलते है नई जानकारी के साथ धन्यवाद🙏🙏
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