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कंटकारी जडीबुटी के फायदे।Benefits of solanum xanthocarum herb

कंटकारी जडीबुटी के चमत्कारिक फायदे।Benefits of solanum xanthocarum herb

कंटकारी जडीबुटी के फायदे।Benefits of solanum xanthocarum herb

कंटकारी का पौधा


नमस्कार दोस्तों मैं आपका परिचित दोस्त हाजिर हूं फिर एक जानकारी के साथ दोस्तों आज हम भटकटैया के फायदे के बारे में बात करेंगे 

भटकटाया का संस्कृत नाम "व्यध्री" "क्षुद्रा" और हिन्दी मे "कंटकारी" है और गुजराती में "पट रिंगणी" अलग-अलग प्रांतों में इसे "भटकटैया" "कटेरी" "रेंगणी" और कंठकारी जैसे नामों से जाना जाता है इसका अंग्रेजी नाम " Yellow-fruit nightshade" है और वैज्ञानिक नाम है "Solanum xanthocarpum" है


दोस्तों भट कटिया को कटेरी भी कहा जाता है यह पौधा लगभग सारे भारतवर्ष में वर्षा काल में उत्पन्न होता है कटेरी का पौधा जमीन पर फैलता है और इसके पत्ते लंबे और कांटेदार होते हैं 

इसके पत्तों पर एक से डेढ़ इंच लंबे कांटे होते हैं इसके पुष्प नीले रंग के होते हैं इसके पुष्पों का रंग नीला या बैंगनी होता है पू केसर पीले रंग के होते हैं फल गोल हरे श्वेत और रेखांकित होते हैं फल पकने के बाद रंग पीला हो जाता हैं 

दोस्तों कटे की दो प्रजातियां पाई जाती है एक नीले या बैंगनी रंग की पुष्प वाली और दूसरी सफेद रंग की पुष्प वाली जिसे लक्ष्मणा से भी जाना जाता है यह बहुत ही दुर्लभ है 

आयुर्वेद के अनुसार कटेरी कटु तिक्त और उष्ण होती है यह पाचन और न है यह मंदाग्नि को मिटाती है और पित्त विकार का समन करती यह प्रकृति हो कफ वात समन करती इसके अलावा यह जलोदर लीवर की वृति सुजाक मूत्रकाद और मूत्राशय की पथरी में लाभकारी है यह कफ और स्वास की सबसे बड़ी औषधि मानी जाती है 

तो दोस्तों आइए जानते हैं कि कटेरी हमारी सेहत के लिए किस प्रकार से फायदेमंद है और इसका प्रयोग किस तरह से किया जाए यह खांसी के लिए बहुत फायदेमंद है खांसी के लिए कटेरी के फूलों को आधे से 1 ग्राम की चूर्ण को शहद के साथ चटाने से छोटे बच्चों की सभी प्रकार की खांसी नष्ट होती है 

इसके अलावा 8 से 12 ग्राम की मात्रा में इसके ताजे पत्रों का रस निकालकर 2 ग्राम छोटे पीपल और 250 मिलीग्राम सेधा नमक मिलाकर पीने से खांसी खत्म हो जाती है अगर यह ताजीना मिले तो इसकी झड़ और इसके पंचाग का क्वाथ बनाकर पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन कर सकते हैं कटेरी कफ का नाश करने में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुई है 

इसके फलों का 50 से 60 ग्राम की मात्रा में काढ़ा बनाकर 2 ग्राम भुनी हुई हींग मिलाकर और उतना ही सेंधा नमक मिलाकर पीने से भयंकर से भयंकर दमा भी बैठ जाता है इसका कुछ दिनों तक सेवन करते रहने से छाती में भरा हुआ कप निकल जाता है और दमा तथा ज्वर में फायदा होता है 

दोस्तों यह जड़ीबूटी गंजापन में भी बहुत फायदेमंद है इसके लिए कटेरी के पत्रों का ताजा रस निकालकर थोड़ा शहद मिलाकर रोजाना मर्तन करने से कुछ ही दिनों में नए बाल आने लगते हैं इसके फलों का रस निकालकर माथे पर लेप करने से मस्तक पीड़ा नष्ट होती है 

जो लोग पथरी से परेशान है इसके लिए कटेरी बहुत फायदेमंद है इसके लिए छोटी कटेरी और बड़ी कटेरी के दोनों का मूल का चूर्ण संभाग मात्रा में लेकर दो चम्मच दही के साथ रोजाना सात दिनों तक लगातार सेवन करने से पथरी पेशाब के रास्ते टूटकर बाहर निकल जाती है 

जिन स्त्रियों को गर्भपात का डर हो इनके लिए कटेरी बहुत फायदेमंद है 10 से 15 ग्राम कंटकारी की जड़ों के साथ 8 से 12 ग्राम छोटे पीपल मिलाकर साथ में भैंस के दूध में पीछ छानकर कुछ दिनों तक सेवन करने से गर्भपात का भय टलता और स्वस्थ शिशु उत्पन्न होता है 

कटेरी के साथ अडूसा और गिलो मिलाकर क्वाथ बनाए क्वाथ जब शीतल हो जाए तब थोड़ा शहद मिलाके 15 से 20 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से सोत कास और सर्दी तथा स्वर मिटते हैं 

कटेरी चर्म रोग में भी बहुत लाभकारी है कटेरी के ताजे पत्तों का रस निकाल ले और रोजाना दाद और खुजली पर लगाने से नष्ट हो जाते हैं 

कटेरी के साथ गिलोय मिलाकर क्वाथ बनाकर रोजाना पीने से पसीना आकर ज्वर छूट जाता है.


दोस्तो हम आशा करते हैं के आज की यह जानकारी आपके जीवन में लाभकारी सिद्ध हो 

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे यह आर्टिकल उन लोगों तक पहुंच सके जिनको इसकी जरूरत है धन्यवाद 🙏🙏

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