शंखपुष्पी जडीबुटी के फायदे।Benefits of Convolvulus prostratus herb
दोस्तों कई लोग ऐसे होते हैं जो काम को पूरी तरह से एकाग्रता से नहीं कर पाते या तो सही ढंग
से नहीं कर पाते हैं इसका मुख्य कारण होता
है कमजोर स्मरण शक्ति आज के जीवन में हर
तरफ प्रतिस्पर्धा चल रही हैं
इसमें टिके रहने के लिए कमजोर स्मरणशक्ति नहीं चल सकती अगर किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना हो नाम बनाना हो तो स्मरण शक्ति मजबूत होना अनिवार्य है
आयुर्वेद में ऐसी अनेक जड़ीबूटियां है जो स्मरण शक्ति को बढ़ाती है आयुर्वेद में शंखपुष्पी ब्राह्मी ज्योतिष्मती वच्चा और जटामांसी यह प्रमुख जड़ीबूटियां बुद्धि को तेज बनाती है और स्मरण शक्ति को बढ़ाती है
तो दोस्तों आज हम इसमे से शंखपुष्पी के पौधे कि आपको पहेचान कराएंगे और इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे
दोस्तों शंखपुष्पी एक प्रकार का मेमोरी बूस्टर है शंखपुष्पी मानसिक विकास की गति को तेज
तेज बनाती है दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाती है
जिसके कारण बच्चे हो या बड़े हर प्रकार की
उम्र के लोग इसका सेवन करने से अपने कार्य
में बेहतरीन प्रदर्शन कर पाते हैं चाहे वह पढ़ाई हो या कोई और दूसरा काम
शंखपुष्पी स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाने की एक बेहतरीन औषधि है शंखपुष्पी जड़ी-बूटी का रोजाना सेवन करने से दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है
दोस्तों शंखपुष्पी जमीन पर फैलती है यह छत्ते के रूप में देखने को मिलती है यह पौधा ज्यादातर पत्थरीली और परती भूमि में अपने आप उत्पन्न होता है शंखपुष्पी के प्रसरणशील छोटे-छोटे घास
के समान पौधे आपको आसानी से कहीं भी देखने को मिल जाएगा इसे सफेद रंग के गोल आकार वाले सुंदर पुष्प लगते हैं
दोस्तों शंखपुष्पी की दो प्रजातियां पाई जाती है एक सफेद पुष्पों वाली और दूसरी नीले रंग के पुष्प वाले संस्कृत ग्रंथों में इसके कई नाम मिलते हैं जैसे कि "विष्णु गंधी" "श्रीरपुष्पी" "मागलयाकुसुमा"और "मेग्या" और उत्तर भारत और हिंदी में इसे "शंखपुष्पी" से जाना जाता है जबकि दक्षिण भारत में इसे "विष्णुक्रांता" से पहचानते हैं मराठी में इसे "शंखवली" कहेते हैं गुजराती में शंखपुष्पी और "संखाहुली" से भी पहचानते हैं और वैज्ञानिक नाम "Convolvulus prostratus" है
शंखपुष्पी के गुणों के हम बात करें तो यह सीतल प्रकृति की होती है यह बुद्धि को तेज बनाते हैं और अपस्मार आदि में उपयोग में ली जाती है यह कोष्ठ कृमि और जहर का नाश करती है
दोस्तों सभी प्रकार के मानसिक रोगों में इसका उपयोग किया जाता है यह पागलपन को दूर करने वाली उत्तम औषधि है दोस्तों स्मरण शक्ति बढ़ाने
के लिए शंखपुष्पी बहुत फायदेमंद औषधि है
इसके लिए सुबह उठकर रोजाना 3 से 6 ग्राम
शंखपुष्पी के चूर्ण को शक्करवाले वाले दूध के साथ पिए इसका लगातार प्रयोग करने से स्मरण शक्ति तेज बनती है
दोस्तों छोटे बच्चों की बुद्धि बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी का दो से चार ग्राम की
मात्रा में चूर्ण मीठी वच के1 ग्राम चूर्ण में मिलाकर देना चाहिए इससे बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ती है यह बुद्धिशाली और चतुर बन जाते हैं
दोस्तों अब जानते हैं इसके अगले प्रयोग के बारे में अगर यह आपको ताजी मिल जाते हैं तो इसका रस निकालें दस से बीस ml की मात्रा में और इस रस में एक चम्मच शहद 2 चम्मच घी और शक्कर मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट 6 मास तक लगातार सेवन करें इसे पागलपन दूर होता है मुक्ति की बढ़ोतरी होती है और स्मरण शक्ति तेज बनती है
दोस्तों आयुर्वेद में इस जडीबुटी को रसायन माना है इस प्रयोग को करने से वुर्धवस्था के दौरान होने वाली जुरिया मिटती है और चेहरे की चमक बढ़ती है इसके अलावा अपस्मार हिस्ट्रीया और पागलपन के दौरे में भी इसका प्रयोग किया जाता है
इसके लिए आपको शंखपुष्पी के चूर्ण के साथ
वच और ब्राह्मी का चूर्ण बराबर मात्रा में लेना
है इस चूर्ण में से तीन ग्राम की मात्रा
में दिन में तीन पर रोगी को पिला है इस
प्रयोग को लंबे समय तक करने से यह सभी
प्रकार की बीमारियां लगभग नष्ट हो जाती है
दोस्तों इसके अलावा इसका सरल प्रयोग है कि
इसके चूर्ण को 5 से 10 ग्राम की मात्रा में
रोजाना दूध के साथ सेवन करें इससे मस्तिष्क बलवान बनता है शंखपुष्पी के ताजे फुलों का शर्बत बनाकर पीने से भी याद शक्ति बहुत बढ गई है
दोस्तों इसका रोजाना प्रयोग करने से पाचन शक्ति तीव्र बनती ही आरोग्य की बढ़ोतरी होती है और बुद्धि तेज बनती है
दोस्तों डायबिटीज के मरीज भी इसका प्रयोग
कर सकते हैं इसके च ग्राम चूर्ण को सुबह-शाम गाय के मक्खन के साथ सेवन करें या मखन ना मिले तो पानी के साथ सेवन करें इससे डायबिटीज कंट्रोल में हो जाता है
इसके अलावा डायबिटीज के कारण होने वाली
कमजोरी भी मिटती है तो दोस्तों यह थी आज
की महत्वपूर्ण जानकारी आर्टिकल पसंद आने पर
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तो फिर मिलते है अगली नई जानकारी के साथ धन्यवाद🙏🙏
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