द्रोणपुष्पी जडीबुटी के फायदे।Benefits of Leucas cephalotes herb
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द्रोणपुष्पी का पौधा |
नमस्कार मित्रों आज हम आपको द्रोण पुष्पी के पौधे से अवगत कराएंगे इसकी पूरी पहचान और इसकी पूरी जानकारी आपके समक्ष रखेंगे तो
आप देख सकते हैं इमेज में ऐसा होता है द्रोण पुष्पी का पौधा है जो पूरे भारतवर्ष में आपको आसानी से मिल जाता है सबसे पहले जानते हैं कि यह पौधा होता कैसा है और इसके गुण तथा फायदे क्या होते हैं यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है इसकी गांठों पर सफेद फूलों के गुच्छे लगते हैं यह पौधा ज्यादातर 1 से 3 फीट तक ऊंचा होता है और इसकी टहनी रोम युक्त होती है इसका स्वाद बहुत कड़वा होता है
दोस्तों इस पौधे को "द्रोणपुष्पी" "गोफ़ा" "गुमा" से जाना जाता है और कई सारी प्रजातियां पाई जाती है इसका अंग्रेजी नाम "thumba plant" है और वैज्ञानिक नाम "Leucas cephalotes" है
आयुर्वेद के अनुसार द्रोण पुष्प के गुणों की हम बात करें तो यह स्वाद में मधुर कड़वी उष्ण और गुरु होती है यह तीक्ष्ण वात पित्त कारक और कप को मिटाती है यह बुद्धि को बढ़ाने वाली भेदन और रुचि को बढ़ाती है
इस पौधे का पंचाग क्रमी मिटाने वाला श्वेत जनन वीर्यचक और उत्तेजक होता है यह शरीर में हुई सभी प्रकार के सूजन में फायदेमंद होता है
यह स्वास नलिका की सूजन को भी दूर करता है कामला रोग को नष्ट करता है और साथ ही अजीर्ण मिटाता है पक्ष घात जीर्ण ज्वर और त्वचा रोगों में भी अधिक फायदेमंद है
दोस्तों अगर आपको सिर दर्द की समस्या होती है तो इसके ताजे पत्रों का रस निकाले और माथे पर लगाए इससे शीघ्र ही सिर का दर्द मिटता है इसके अलावा इसके ताजे पत्तों का रस निकालकर दो से तीन बूंदों नस्य लेने से भी सिर दर्द मिटता है
द्रोणपुष्पी पेट के रोगों में भी अधिक फायदेमंद होती है इसके पत्रों का साग बनाकर सेवन करने से पेट का अजीर्ण दूर होता है
अगर किसी को कामला रोग हो गया हो तो इस द्रोणपुष्पी के ताजे पत्तों का रस निकाले और इसका नस्य ले तथा आंखों में अंजन करें
इसके साथ ही इसके 5 मिली रस के साथ थोड़ा
सा शहद मिलाकर पिए इससे कामला रोग में
अधिक फायदा होगा
दोस्तों तो इसका दूसरा एक प्रयोग है कि इसके 10 मिली ताजे पत्तों के रस के साथ सात दाने काली मिर्च का चूर्ण मिलाए और सेंधा नमक मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें इससे कामला रोग सहित पांडु रोग भी नष्ट होता है
इस जड़ीबूटी का आप डायबिटीज में भी उपयोग कर सकते हैं इसके लिए इस द्रोण पुष्प के ताजे पत्तों का रस लगभग 10 मिली की मात्रा में लेकर साथ में 500 मिलीग्राम काली मिर्च का चूर्ण डालकर रोजाना सुबह पिए इससे डायबिटीज कंट्रोल में हो जा जाता है
इसे सुखाकर भी आप उपयोग में ले सकते हैं इसके लिए इसके 10 ग्राम पत्तों के सखे चूर्ण के साथ साथ में 500मिलीग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर आधा लीटर पानी में उबाले और यह जब 1 चौथाई शेष रह जाए तब ठंडा होने के बाद छानकर पिए
आप इसका उपयोग बुखार में भी कर सकते हैं इसके लिए द्रोण पुष्प के पंचाग के साथ सौठ गिलोय चिरायता और पित पापड़ा इन सबको समान मात्रा में मिलाकर क्वाथ बना अब इस क्वात को 10 से 20 मिली के मात्रा में दो से ती
दिनों तक पीने से विषम ज्वर नष्ट हो जाता है
दोस्तों जब शरीर में वात बढ़ जाता है तो कई प्रकार के वात विकार उत्पन्न होते हैं इसके लिए द्रोण पुष्प के पत्तों का ताजा रस निकालकर शहद के साथ मिलाकर पिए इस प्रयोग से बढ़े हुए वात का जल्दी ही समन होता है और वात विकार से मुक्ति मिलती है
दोस्तों ये चमत्कारिक जड़ीबूटी सांप के काटने पर उपयोग में ली जाती है अगर किसी को सांप ने काट लिया हो तो इसके ताजे पत्तों का रस जल्दी से निकालकर नस्य दिया जाता है कान में डाला जाता है और साथ में पिलाया भी जाता है इससे मरीज की बेहोशी दूर होती है और जल्दी से होश आ जाता है इस प्रयोग को अजमाने से मरीज की जान जरूर बच जाती है और अस्पताल ले जाने का वक्त मिल जाता है
दोस्तों यह प्रयोग तभी करना चाहिए
जब कहीं भी आसपास में अस्पताल ना हो
डॉक्टर ना हो अन्यथा कभी ना करें जब यह
किसी के साथ हादसा होता है तो सबसे पहले
डॉक्टर के पास जरूर जाएं.
तो दोस्तों मिलते है अगली नई जडीबुटी और नई जानकारी के साथ धन्यवाद,,🙏🙏
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