चिलबिल जडीबुटी के फायदे।Benefits of Holoptelea integrifolia herb
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चिलबिल का पेड़ |
या इसके गुणों को नहीं जानते आज हम चिलबिल के बारे में बात करेंगे फिर भी एक करंज और उसके समान ही होने वाला एक पेड़ है और करंज की ही एक प्रजाति है
दोस्तों प्रकृति के खजाने में कोई भी चीज पेड़ हो पौधा हो या घास हो बेकार नहीं होती यह अनमोल होती है अपने गुणों से भरपूर होती है
अब इस वक्त प्रकृति में बदलाव का मौसम चल रहा है यानी वसंत ऋतु का मौसम चल रहा है इस वक्त के दौरान जाता अगर पेड़-पौधे फूलों
से लद जाते हैं चाहे प्लास हो या रोहिडा का वृक्ष हो सभी पर फूल खिल उठते हैं लेकिन चिलबिल का ऐसा वृक्ष है जो पतझड से पहले ही सारे पत्ते उस पर से जड़ जाते है और वसंत ऋतु के आगमन होते ही यह फूलो से नहीं पर नई नई फलियों से लद जाता है
चिलबिल की पहेचान कैसे करे
दोस्तों ध्यान से देख कर पहचान लीजिए इस प्रकार का होता है चिलबिल पेड़ जो करंज की जाति का एक वृक्ष है इसके गुण और फायदे भी बेहतरीन होते हैं
इसकी जड़ तना पत्ते छात्र पुष्प अधिक बेहतर गुणों से भरपूर होता है यह सारे अंग औषधीय कार्यों में लिया जाता है
दोस्तों ध्यान से देखिए इस प्रकार का होता है चिलबिल का मिल पेड़
दोस्तों आप जहां भी कहीं जाएंगे अगर कही भी
चिलबिल का वृक्ष हो तो आप आसानी से समझ
जाएंगे पहचान जाएंगे और सब को बता सकेंगे
कि ये चिलबिल का वृक्ष है इस पेड़ का नाम है
"चिरबिल्व" इसे ज्यादातर चिलबिल ही कहा
जाता है कहीं-कहीं इसे "वानर रोटी" भी कहते
हैं तो कहीं "कणजी" कहते हैं है इसका
गुजराती नाम "कणजो" जो बंगाली में "नाटाकरंज"
और नेपाली नाम "पापरी" है तथा पंजाबी में
"अर्जेन" से जाना जाता है अंग्रेजी नाम
"Indian Elm" और वैज्ञानिक नाम "Holoptelea integrifolia" है
चिलबिल करंज की प्रजाति का एक वृक्ष है यह आपको कहीं भी आसानी से देखने को मिल जाएगा यह सड़क के किनारों पर भी होता है और जंगलों में अपने आप उत्पन्न होता है
यह वृक्ष मध्यम आकार वाला और छायादार होता है चिलबिल भारत के सभी प्रांतों में बहुत आसानी से देखने को
मिल जाता है
दोस्तों अगर आपके आस-पास में
घर के आंगन में या आप के खेत में यह
चिलबिल का वृक्ष है तो आर्टिकल को जरूर
पूरा पढ़ीए क्योंकि यह जडीबुटी की जानकारी
आपको बहुत काम आएगी
चिलबिल का औषधि में कैसे उपयोग करे
अगर किसी के पेट में या आंतों में कीड़े
हो तो चिलबिल फल इसके पत्तों का ताजा
रस निकालें और शहद के साथ मिलाकर दूसरे
तीन दिनों तक खाने से ही आंतो के कीड़े
नष्ट हो जाएंगे इसके ताजे और कोमल पत्तों
का ताजा रस निकालकर पीने से पेट का दर्द
भी मिटता है चिलबिल का पेड़ प्रमेयरोगों को
नष्ट करता है जो लोग प्रमेय रोग से
पीड़ित है इनके लिए एक सरल प्रयोग है इसके
लिए आपको चिलबिल के तने की छाल सफेद रंग वाली 100 ग्राम की मात्रा में लेना है साथ
में जमुन के बीच 10 ग्राम की मात्रा में
चूर्ण बना कर लेना है साथ में हरड़-बहेड़ा
और आंवला तीनों का चूर्ण 10 ग्राम की
मात्रा में यानि 30 ग्राम की मात्रा में
मिला लेना है अब इसमें से एक से दो ग्राम
की मात्रा में चूर्ण लेकर रोजाना पानी के
साथ खाली पेट सेवन करें लगातार आठ से 10
दिनों के प्रयोग से ही प्रमेय रोग बिल्कुल
मिट जाता है दोस्तों जोड़ों का दर्द याने
संधिवात में भी आप इसका प्रयोग आसानी से
कर सकते हैं इसके लिए यह चिलबिल के पत्तों
का एक पेस्ट बनाकर और जोड़ों के दर्द वाले
स्थान पर रोजाना लगाते रहिए और जल्द ही
इससे आराम मिलेगा दोस्तों यह चिलबिल का
पेड़ आपको सामान्य सा लग रहा है लेकिन यह
अर्श और बवासिर की एक बेहतरीन औषधियो में
शामिल है और बवासीर को दूर करने के लिए आप चिल भी की बीजों के साथ चित्रक और सोंठ
मिलाकर चूर्ण बना लें और रोजाना दो से तीन
ग्राम की मात्रा में पानी या छाछ के साथ
सेवन करते रहे आप देखेंगे कि बहुत जल्द ही
इससे आपको आराम महसूस होगा दूसरी औषधीया न मिलने पर सिर्फ चिलबिल बीजों का ही चूर्ण दो से चार ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के
साथ पीते रहें
इससे भी आपको खूनी बवासीर
जल्द ही मिट जाएगा अगर कोई अंडवृद्धि से
परेशान है तो इसके बीजों का चूर्ण बनाकर
लेप जैसा बनाले और अंडवृद्धि के स्थान
पर लगाते रहे बहुत जल्दी ही इससे आपको
आराम मिलेगा
अगर किसी को हाथीपांव की समस्या है तो चिलबिल के ताजे पत्तों का रस निकालें 10 से 15 ml की मात्रा में साथ 15 या 10 ml की मात्रा में सरसों का तेल भी मिलाएं और खाली पेट ठीक पी जाए कुछ दिनों के प्रयोग से ही जल्दी ही आराम महसूस होगा
इसके बीजों को इकट्ठा करके सरसों के तेल
के साथ मिलाकर तेल सिद्ध कर लें इस तेल को
रख लें इस तेल को रोजाना लगाते रहने से न
भरने वाले घाव भी सीघ्र भर जाते हैं
दोस्तों इसकी बीच और इसकी छाल को पीसकर
प्रभाव स्थान पर लगाने से जल्दी ही दाद का
शमन होता है इसके अलावा इसकी कोमल और ताजे पत्तों का रस निकाल ले और दाद पर रोजाना लगाते रहने कुछ ही दिनों में दाद नष्ट हो जाएगा
यह चिलबिल रक्तपित्त को मिटाने में भी कारगर जड़ी बूटियों में से एक है इसके लिए इसके बीजों की गिरी एक से दो ग्राम की मात्रा में लेकर शहद के साथ रोजाना पीते रहे इस प्रयोग को लंबे समय तक करते रहने से रक्तपित्त नष्ट होता है
तो दोस्तों यह थी आज की महत्वपूर्ण
जानकारी फिर मिलते है नई जानकारी के साथ धन्यवाद🙏🙏
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