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अश्वगंधा जडीबुटी के फायदे।benefits of Withania somnifera herb

अश्वगंधा जडीबुटी के चमत्कारी फायदे। benefits of Withania somnifera  herb

अश्वगंधा जडीबुटी के फायदे।benefits of Withania somnifera  herb

अश्वगंधा का पौधा




आज की आर्टिकल में हम अश्वगंधा की आपको 

पहचान कराएंगे इसके उपयोग करने का सही 

तरीका तथा इसके प्रयोग करने की सही मात्रा 

क्या होती है यह भी आज पूरी जानकारी इस 

वीडियो में बताएंगे आयुर्वेद में अश्वगंधा 

की बहुत सराहना की गई है 


अश्वगंधा का पौधा जंगली पौधा भी होता है और इसकी खेती भी की जाती है जंगली पौधा आप इमेज में देख सकते हैं इस प्रकार के इसके पत्ते होते हैं और यह कम से कम 1 से 3 फुट तक ऊंचा होता है कभी-कभी 4 फीट तक भी ऊंचा हो सकता है 


इसके फल शुरुआती अवस्था में मटर के 

दाने जैसे हरे रंग के होते हैं लेकिन ये 

जब पूरी तरह पक जाता है तब यह लाल रंग का 

हो जाता है 


अश्वगंधा पूरे भारतवर्ष में पाई जाती है आयुर्वेद में दवाई के रूप में अश्वगंधा की जड़ों का ही प्रयोग ज्यादातर किया जाता है यह महिला और पुरुष दोनों के लिए उपयोगी होती है 


अश्वगंधा यह मूल संस्कृत शब्द है अश्व का अर्थ होता है घोड़ा इस पौधे की जो कच्ची झड़े होते हैं 

इसमें घोड़े के पेशाब के समान गंध होती है इसी कारण इस पौधे का नाम "अश्वगंधा" रखा गया 

होगा 


इसकी सूखी जड़ों में यह गंध बहुत कम 

हो जाती है अश्वगंधा खाने से कमजोर आदमी 

भी घोड़े जैसी ताकत वाला बन जाता है 

अश्वगंधा के बारे में संस्कृत में अनेकों 

श्लोकों में इसकी सराहना की गई है देश के 

अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों 

से जाना जाता है इसका अंग्रेजी नाम विंटर 

चेरी है और वैज्ञानिक नाम "Withania somnifera" है 


अश्वगंधा बल बढ़ाने वाली रसायन कड़वी कसेली गर्म प्रकृति की और वीर्य वर्धक होती है यह सफेद कोड कुष्ठ सूजन कफ और वायु विकारों में बहुत उपयोगी होती है 


यह जड़ीबूटी विशेष रूप से रसायनी होती है अगर किसी व्यक्ति को मलेरिया डेंगू या किसी भी प्रकार की बीमारी के कारण शरीर दुर्बल हो गया हो तो अश्वगंधा का सेवन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है अश्वगंधा किसी भी प्रकार की 

बीमारी के कारण उत्पन्न कमजोरी को दूर 

करने में बहुत फायदेमंद होता है 


वात रोग और संधिवात में भी अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है 


दोस्तों अश्वगंधा एक ऐसी जड़ीबूटी 

है जिसका सेवन करने से आंखें तेज बनती है 

बाल काले बनते हैं और शरीर शक्तिशाली बनता 

है अश्वगंधा का प्रयोग करने से इम्युनिटी 

सिस्टम बढ़ती है और शरीर ताकत से भर जाता 

है 


दोस्तों जिन लोगों के बाल उम्र से पहले सफेद हो गए हो ऐसे लोगों को अश्वगंधा का चूर्ण रोजाना दो से 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से बालों का समय से पहले सफेद होना बंद हो जाता है और बाल काले बनते हैं 


अश्वगंधा का सेवन करने से आंखों की ज्योति 

बढ़ती है 2 ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण के 

साथ 2 ग्राम आंवला का चूर्ण और 1 ग्राम 

मूलेठी का चूर्ण मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह 

शाम पानी के साथ रोजाना सेवन करें इससे 

आंखों की ज्योति जल्दी से बढ़ती है 


दोस्तों यह हृदय के लिए भी काफी फायदेमंद 

होती है हृदय की बीमारी में 2 ग्राम अश्वगंधा के मूल की चूर्ण को पानी के साथ रोजाना सेवन करने से हृदय का दर्द दूर होता है 


दोस्तों अश्वगंधा के 2 ग्राम 

चूर्ण को अश्वगंधा के ही 20 मिलीलीटर 

क्वाथ के साथ रोजाना सेवन करने से क्षय 

रोग मिटता है दोस्तों खांसी की समस्या को 

मिटाने के लिए भी अश्वगंधा बहुत लाभकारी 

है 


अश्वगंधा की 10 ग्राम चड़ को कूटकर 

इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर लगभग 400 

मिलीलीटर पानी में पकाना चाहिए जब आठवां 

हिस्सा शेष रह जाए तब ठंडा होने के बाद 

उतार कर छान लेना चाहिए फिर इसमें से दिन 

भर थोड़ा-थोड़ा पीते रहने से खांसी और 

काली खांसी दोनों मिट जाती है 


दोस्तों पेट के रोगों में भी अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है इसके लिए गिलोय के साथ अश्वगंधा का चूर्ण मिलाकर 5 से 10 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाएं फिर इस मिश्रण को खाली पेट पी जाए कुछ दिन लगातार इसका सेवन करने से पेट की क्रूमि नष्ट हो जाती है 


सिर्फ अश्वगंधा के चूर्ण को गर्म पानी के साथ 

सेवन करने से अजीर्ण मिटता है ये महिलाओं 

में होने वाले सफेद पानी की समस्याओं को 

भी दूर करती है इसके लिए दो से 4 ग्राम की 

मात्रा में अश्वगंधा की चूर्ण के साथ मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह शाम रोजाना सेवन करने से सफेद पानी की समस्या यानी श्वेत प्रदर मिटता है 


दोस्तों अश्वगंधा के दो से 5 ग्राम चूर्ण को गाय 

के दूध या शक्कर के साथ मिलाकर चाटने से 

कमर का दर्द ठीक होता है 


दोस्तों शरीर की दुर्बलता को नष्ट करने के लिए अश्वगंधा का सदियों से उपयोग किया जाता है इसके लिए दो से 4 ग्राम की मात्रा में अश्वगंधा के 

चूर्ण को घी या दूध के साथ यथा विधि एक वर्ष तक सेवन करने से शरीर रोग रहित बन जाता है 


इसके अलावा 1 ग्राम अश्वगंधा के 

चूर्ण के साथ 25 ग्राम मिश्री 

मिलाकर रोजाना गुनगुने दूध के साथ पीने से 

वीर्य पुष्ट बनता है बल की वृद्धि होती है 

और शरीर ताकत से भर जाता है 


दोस्तों औषधि के रूप में ज्यादातर अश्वगंधा की जड़ों का ही प्रयोग किया जाता है यह आपको 

आयुर्वेदिक स्टोर और बंसारी के दुकान पर 

आसानी से मिल जाती है अश्वगंधा के सेवन 

करने का तरीका भी बिल्कुल सरल और आसान है 


अश्वगंधा की जड़ों का पाउडर लेना है जो 

बंसारी की दुकान पर से आपको आसानी से मिल 

जाएगा दवाई के रूप में अश्वगंधा का सेवन 

सीमित मात्रा में ही करना करे एक दिन 

में इसका सेवन अधिक से अधिक तीन से 4 

ग्राम की मात्रा में ही करना चाहिए रात 

में सोने से पहले और खाना खाने के दो घंटे 

बाद इसका सेवन आप दूध के साथ कर सकते हैं 


बाजार में अश्वगंधा की कैप्सूल भी मिल 

जाती है रोजाना एक से दो कैप्सूल डॉक्टर 

की सलाह के अनुसार ले सकते हैं ध्यान रहे 

अश्वगंधा गर्म तासीर की होती है इसलिए 

गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए 


अश्वगंधा के पाउडर को दो से तीन चम्मच की 

मात्रा में पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर 

चाय की तरह भी इसका सेवन कर सकते हैं इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच अश्वगंधा यानी तीन से चार ग्राम अश्वगंधा का पाउडर मिलाए और धीमी आंच पर पकाए पानी जब आधा गिलास शेष रहे तब ठंडा होने के बाद छान कर पी जाए इसके अलावा अश्वगंधा के पाउडर को घी में भूनकर भी इसका सेवन कर सकते हैं,


तो दोस्तों फिर मिलते है एक नई अदभुत जडीबुटी की जानकारी के साथ,,धन्यवाद🙏🙏

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