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चमत्कारी जड़ीबूटी जंगली गोभी।Miraculous benefits of wild cabbage

चमत्कारी जड़ीबूटी जंगली गोभी।Miraculous benefits of wild cabbage

चमत्कारी जड़ीबूटी जंगली गोभी।Miraculous benefits of wild cabbage

जंगली गोभी का पौधा


 दोस्तों आज इस आर्टिकल  में हम जंगली गोभी के फायदे के बारे में आपको बताएंगे ये कई प्रकार की ऐसी गंभीर बीमारियों को दूर कर सकता है जो आप सोच भी नहीं सकते हैं 

यह जमीन पर कही भी छत्ते के रूप में फैलता है और इसकी किसी भी शाखा या पत्तों को तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है 

इस जगत में कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो कम की ना हो कुदरत के अनमोल ख़ज़ाने में ऐसी विशिष्ट प्रकार के गुना वाली जड़ी बूटिया मौजूद है जिसके बड़े में हमें जानकारी नहीं होती यह जड़ी बूटियों मनुष्य जीवन के कई प्रकार के बीमारियों को दूर करती है 

ये जडीबूटिया हमारे आसपास में भी हो सकती है आपके आंगन में भी हो सकती है या खेतों में खरपतवार के रूप में भी आप इसे देख सकते हैं 

इसको आम भाषा में "वन गोभी" और हिंदी में "जंगली गोभी" से जाना जाता है मराठी में इसे "जंगली खोभी" से पहचानते हैं और गुजराती में "गोजीभा" से पहचानते हैं अंग्रेजी में इसका नाम Wild cabbage है और इसका वैज्ञानिक नाम  Brassica oleracea है

दोस्तों अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो हमे फॉलो करें जिससे हमारी हर नई चमत्कारी जड़ीबूटी  और अदभुत वनस्पति की जानकारी आप तक पहुंचती रहे 

गोजीभा का पौधा जमीन पर छाते के रूप में फैलता है इसके पत्तों का आकर गाय के जीभ के समान होता है यह ज्यादातर वर्षा रितु में सर्वोत्तर उत्पन्न होता है इसके बीच में से एक दांडी निकलते है और इस पर पीले रंग के पुष्प लगता हैं इसके किसी भी पट्टी या शाखा को तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है इसके प्रकृति ठंडी होती है और ये स्वाद में कड़वा कसैला और तीखा होता है 

दोस्तों  इसकी सब्जी बनाकर खाने से पेट के रोगन में फायदा सकता है बवासीर होने पर भी यह बहुत लाभकारी पौधा है यह जड़ी बूटी रक्त विकारों का शमन करती है और रक्त शुद्ध करती है 

इसकी सब्जी का कुछ दोनों तक लगातार सेवन करने से रक्त शुद्ध हो जाता है इसके पत्रों में ताम्र  अधिक मात्रा में होता है इसलिए कोई इसे ताम्रप्रणे भी गए थे इसकी प्रकृति ठंडी होने से यह बवासीर को भी ठीक कर देती है बवासीर की बीमारी में इसके पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से बहुत आराम होता है 

इसके अलावा इसका ताजा रस 10 से 15ml की मात्रा में सुबह शाम लेना चाहिए इसके अतिरिक्त इसके पूरे पंचांग का काढ़ा बनाकर सुबह शाम 20 से 30 ml की मात्रा में लेने से भी बवासीर ठीक होता है खूनी बवासीर होने पर भी इसका सेवन करने से बहुत जल्दी आराम मिलता है 

सफेद दाग की बीमारी में इस बूटी का उपयोग करने से फायदा महसूस होता है क्योंकि इसमें ज्यादा मंत्र में ताम्रध होता है यह त्वचा की रंग को वापस लाने का काम करता है 

दोस्तों यह अर्श और बवासीर में जबरदस्त कम करती है जिन लोगों को बवासीर की बीमारी है बवासीर में खून ए रहा हो तो ऐसी स्थिति में इस पौधे को जड़ से उखाड़ ले साफ पानी से धोकर इसके पत्तों का रस निकालो और 10 से 15ml की मात्रा में सेवन करें 

इसके अलावा इसे सुखाकर भी आप प्रयोग में ले सकते हैं इस पौधे को सुखाकर काढा बनाकर 20 से 30 ml की मात्रा में कुछ दिन लगातार पीने से बवासीर में खून आने की समस्या बन्द हो जाति है 

ओर इसकी पत्तियो की सब्जी बनाकर खाने से पेट में गैस और कब्ज नहीं बनता 

इसके अतिरिक्त इसका एक और भी प्रयोग है पेसाब संबंधी समस्या में अगर किसी को पेशाब संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या हो पेशाब रुक रुक कर आता हो या किसी भी प्रकार की जलन हो रही हो तो इसका प्रयोग जरूर करें  कुछ ही दिनों में पेशाब सबंधी सारी समस्याएं दूर हो जायेंगी 


इस जड़ीबूटी का गुणधर्म विषनाशक होता है इस जड़ीबूटी का कुछ दोनों तक लगातार प्रयोग करने से शरीर में जहरीले टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं और खून साफ हो जाता है 

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