कुप्पी जड़ीबूटी indian acalypha के अदभुत फायदे
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indian acalypha |
नमस्कार दोस्तों मैं आपका दोस्त हाजिर हूं फिर से एक नई और महत्त्वपूर्ण जानकारी के साथ स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट में
दोस्तों प्रकृति का खजाना अनमोल और असीमित है इसमें अनेक ऐसी वनस्पतियां पाई जाती है जो चमत्कारिक गुणों से भरी होती है यह चमत्कारिक झड़ी बुटिया और पेड़-पौधे हमारे आसपास में ही होते हैं लेकिन जानकारी के अभाव के कारण हम इसके गुण और फायदे से अनजान होते हैं
दोस्तों आज की जानकारी बेहद खास है दोस्तों इस वनस्पति को तो आपने अवश्य ही देखा होगा यह वनस्पति जमीन से 1 से 3 फीट तक ऊंची होती है और इसके पत्र अंडाकार होते हैं
यह वनस्पति वर्षा ऋतु में सारे भारतवर्ष में अपने आप उगाती है यह पौधा पूरा हरे रंग का होता है इसका कांड पतला और सीधा होता है इसमें से कई शाखाएं निकलती है इसके पत्र अंडाकार 1 से 3 इंच लंबे और आधा से 1 इंच चौड़े होते हैं यह पत्ते दंतुर होते हैं इसे पीले या हरे रंग के फूल लगते हैं
दोस्तों इस पौधे का संस्कृत नाम है "मुक्त वर्चा "अरिष्ट मंजरी "और "हरित मंजरी "इसका हिंदी नाम है "खोखला" और "कुपी" इसे मराठी भाषा में खोखली कुपी और खाजो से पहचानते हैं इसे असमिया भाषा में "पत्र मंजरी" और बंगाल में "मुक्त मंजरी" कहते हैं
दोस्तों यह जड़ीबूटी त्वचा रोगों में बहुत लाभकारी होती है इसे दाद पर लगाने से दाद खत्म हो जाते हैं इसलिए इसका गुजराती नाम दादरो है गुजरात के काठियावाड़ में इसे वैसी काटो कहते हैं क्योंकि बिच्छू के काटने पर इसके पत्ते और रस को लगाया जाता है
इस पौधे का अंग्रेजी नाम indian acalypha और लैटिन नाम acalypha indica का है यह पौधा रेचक और वामक होता है यह कफ़ को मिटाता है और कृमिघ्न होता है यह फेफड़े में जमा हुए कप को बाहर निकाल देता है तो दोस्तों चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इसका औषध कार्य में किस प्रकार से उपयोग किया जाता है
दोस्तों इस पूरे पौधे को लाकर साफ करके थोड़ी सी मात्रा में लहसुन मिलाकर लगभग 400 मिलीलीटर पानी में उबाले और जब 1 चौथाई शेष रह जाए तब ठंडा होने के बाद छानकर दिन में दो से तीन बार इसका सेवन कराए इस प्रयोग से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं
दोस्तों अगर छोटे बच्चे हो तो एक चम्मच की मात्रा में इसका ताजा रस थोड़ी लहसुन के साथ पिलाए या थोड़ा शहद मिलाकर भी पिला सकते हैं
दोस्तों इसकी पत्तियों का क्वाथ बनाकर सेवन करने से खांसी दमा और स्वास में अधिक फायदा होता है इस प्रयोग से हल्के जुलाब होते हैं और यह फेफड़े में जमा हुए कफ और स्त्राव को बाहर बाहर निकाल देता है यह दमा और खांसी की एक रामबाण औषधि है इसलिए इसे खोखली भी कहा जाता है कहीं-कहीं इसकी ताजी पत्तियों को सब्जी बनाकर सेवन करते हैं
दोस्तों यह जड़ीबूटी छोटे बच्चों के लिए बहुत ही अक्सीर है यदि पेट में कीड़े हो तो इसके रस के साथ शहद मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में पिलाए इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं इसके अलावा अगर बच्चे को पेट में कप जम गया हो तो ऐसे में इसके पत्तों का रस एक चम्मच की मात्रा में पिला है इससे बहुत बड़ा फायदा होता है
दोस्तों इसकी झड़ का गुणधर्म रेचक होता है इसकी झड़ का काढ़ा बनाकर पीने से जुलाब होकर पेट साफ हो जाता है इस पूरे पौधे का क्वाथ बनाकर इसकी कुछ बूंदे कान में टपका से कान का दर्द ठीक होता है इसके अलावा इसके पत्तों का रस निकालकर तेल के साथ मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है
जहरीले कीड़े के काटने पर भी इसके पत्तों का प्रयोग किया जाता है इसके पत्तों को पिसकर लगाने से जहर मिटता है और दर्द भी ठीक होता है इसके अलावा घाव और वर्ण हो जाने पर इसके पत्तों का रस लगाया जाता है और पत्तों को पीसकर पुल टिस बांधी जाती है इसके पत्तों का ताजा रस निकालकर दाद खाज खुजली और कंडू पर लगाने से बहुत बड़ा फायदा होता है
तो दोस्तों ये थी आज की महत्वपूर्ण जानकारी आर्टिकल पसन्द आने पर shere करे हमेशा नई वनस्पति और जड़ीबूटियों की जानकारी के लिये मुझे फ़ॉलो करे तो मिलते है अगली पोस्ट में नई जानकारी के साथ धन्यवाद 🙏🙏
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